tag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post693153608586404752..comments2023-12-02T15:15:35.792+05:30Comments on वटवृक्ष: असंतुलनरवीन्द्र प्रभातhttp://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-39201223982423921822012-12-25T09:44:21.860+05:302012-12-25T09:44:21.860+05:30प्रायः सभी के साथ ऐसी परिस्थिति आती है , जब किसी म...प्रायः सभी के साथ ऐसी परिस्थिति आती है , जब किसी मुद्दे पर अपने ही मन में वाद-विवाद गहरा जाता है |<br /><br />सादरAkash Mishrahttps://www.blogger.com/profile/00550689302666626580noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-47609108933906252362012-12-18T18:35:29.892+05:302012-12-18T18:35:29.892+05:30शायद इसी संतुलन को बनाते हुए चलते जाने का नाम ही ज...शायद इसी संतुलन को बनाते हुए चलते जाने का नाम ही ज़िंदगी है...<br />~सादर !!!Anita Lalit (अनिता ललित ) https://www.blogger.com/profile/01035920064342894452noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-60626289948252444482012-12-18T18:21:42.010+05:302012-12-18T18:21:42.010+05:30इन दिनों मैं संतुलन में नहीं हूँ,
लड़ रहा हूँ अपने...इन दिनों मैं संतुलन में नहीं हूँ,<br />लड़ रहा हूँ अपने आप से,<br />आजकल मेरे ही दो हिस्से <br />एक दूसरे के विरोध में हैं.<br />अक्सर क्यूँ होता ऐसा ??विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.com