tag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post508620821031381525..comments2023-12-02T15:15:35.792+05:30Comments on वटवृक्ष: एथेंस का सत्यार्थीरवीन्द्र प्रभातhttp://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-20474708522033434192010-12-26T06:20:59.316+05:302010-12-26T06:20:59.316+05:30कृष्ण ने अंगुली थामी...
फिर और क्या चाहिए था !कृष्ण ने अंगुली थामी...<br />फिर और क्या चाहिए था !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-18087361155775372122010-12-25T19:19:47.892+05:302010-12-25T19:19:47.892+05:30कृष्ण तो मार्गदर्शक हैं ही!
सुन्दर रचना!कृष्ण तो मार्गदर्शक हैं ही!<br />सुन्दर रचना!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-17580258183102549352010-12-25T12:27:56.389+05:302010-12-25T12:27:56.389+05:30behatrin rachna........bhut hi sundar.behatrin rachna........bhut hi sundar.Er. सत्यम शिवमhttps://www.blogger.com/profile/07411604332624090694noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-89537513884609315272010-12-25T12:00:48.579+05:302010-12-25T12:00:48.579+05:30सत्य सत्य रहता है .लड़खड़ा सकता है गिर नहीं सकता ...सत्य सत्य रहता है .लड़खड़ा सकता है गिर नहीं सकता ..फिर कृष्ण तो हैं ही ...<br /><br />गहन अभिव्यक्तिसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-56450828678641223002010-12-24T22:20:37.717+05:302010-12-24T22:20:37.717+05:30हमारा सौभाग्य है कि हमारे पास कृष्ण का सत्य है ......हमारा सौभाग्य है कि हमारे पास कृष्ण का सत्य है ...वरना हमारी स्थिति भी उसी सत्यार्थी सी हुई होती .......सत्य भी सापेक्ष होता है यह तो उन्हें बहुत बाद में पता चला.बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-15208020990048701732010-12-24T21:03:54.819+05:302010-12-24T21:03:54.819+05:30सत्य के आगे लड़खड़ाते मेरे क़दमों के आगे
कृष्ण ने ...सत्य के आगे लड़खड़ाते मेरे क़दमों के आगे<br />कृष्ण ने हर बार मेरी ऊँगली थामी<br />और दुर्याेधन से बचाया !!!<br /><br />वाह, एक उत्कृष्ट कविता।<br />ऐसी रचनाएं बरबस मन मोह लेती हैं।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-53105015278614437782010-12-24T17:46:19.230+05:302010-12-24T17:46:19.230+05:30पर एथेंस के सत्यार्थी की इस विडंबना ने
मुझे अपंग औ...पर एथेंस के सत्यार्थी की इस विडंबना ने<br />मुझे अपंग और अपाहिज नहीं किया<br />चेतनाशून्य मनोदशा की हर गहरी ख़ामोशी ने<br />मुझे केशव का विराट स्वरुप दिखाया<br />अहोभाग्य !<br />सत्य के आगे लड़खड़ाते मेरे क़दमों के आगे<br />कृष्ण ने हर बार मेरी ऊँगली थामी<br />और दुर्योधन से बचाया !!!<br /><br /><br />सुन्दर अभिव्यक्तिS.VIKRAMhttps://www.blogger.com/profile/17252464333035334396noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-10260752229001929332010-12-24T17:21:50.552+05:302010-12-24T17:21:50.552+05:30अहोभाग्य !
सत्य के आगे लड़खड़ाते मेरे क़दमों के आग...अहोभाग्य !<br />सत्य के आगे लड़खड़ाते मेरे क़दमों के आगे<br />कृष्ण ने हर बार मेरी ऊँगली थामी<br />और दुर्योधन से बचाया !!!<br /><br />सुन्दर अभिव्यक्तिKunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-27371107291520760522010-12-24T13:48:32.477+05:302010-12-24T13:48:32.477+05:30सुन्दर अभिव्यक्ति . कृष्ण तो हमेशा ही सत्य के साथ ...सुन्दर अभिव्यक्ति . कृष्ण तो हमेशा ही सत्य के साथ है .ashishhttps://www.blogger.com/profile/07286648819875953296noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-56424803855528689792010-12-24T13:43:31.332+05:302010-12-24T13:43:31.332+05:30बहुत सुन्दर ढंग से आपने अपने कहे को लफ़्ज़ों की अभि...बहुत सुन्दर ढंग से आपने अपने कहे को लफ़्ज़ों की अभिव्यक्ति दी है बेहतरीनरंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-6764361596219730872010-12-24T13:18:32.620+05:302010-12-24T13:18:32.620+05:30मुझे केशव का विराट स्वरुप दिखाया
अहोभाग्य !
सत्य क...मुझे केशव का विराट स्वरुप दिखाया<br />अहोभाग्य !<br />सत्य के आगे लड़खड़ाते मेरे क़दमों के आगे<br />कृष्ण ने हर बार मेरी ऊँगली थामी<br />और दुर्योधन से बचाया !!!<br />एक अलग सोच के साथ सुन्दर रचना।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-2216579047981452322010-12-24T12:48:10.597+05:302010-12-24T12:48:10.597+05:30वाह दीदी, क्या बात है ! बहुत सुन्दर तरीके से आपने ...वाह दीदी, क्या बात है ! बहुत सुन्दर तरीके से आपने ये बात कही है ...<br />मन में विश्वास (इसे भगवान पर भक्ति कह लीजिए) हो तो सत्य के राह में अविचल रह सकते हैं ...Indranil Bhattacharjee ........."सैल"https://www.blogger.com/profile/01082708936301730526noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-69405931046990838112010-12-24T12:16:47.529+05:302010-12-24T12:16:47.529+05:30आदरणीय रश्मि दी, आपकी रचनाओं में हर तरह के भावरंग ...आदरणीय रश्मि दी, आपकी रचनाओं में हर तरह के भावरंग खिलते हैं. भावों की ऐसी विविधता और प्रखरता बेहद कम देखने को मिलती है. नए-नए प्रयोत और बिम्ब वर्तमान कविता को अपने धरातल पर और अधिक पुष्ट करती हैं. आप सदा ऐसे ही लिखती रहें, ऐसी ही कामना करते हैं ताकि हमे भी हर बार नया पढ़ने को और सीखने को मिलता रहे. इस उत्कृष्ट रचना हेतु बधाई दीदी. आभार !!Narendra Vyashttps://www.blogger.com/profile/12832188315154250367noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-14933989501003248402010-12-24T11:38:31.994+05:302010-12-24T11:38:31.994+05:30एक अलग फलक पर कविता अच्छी लगी..एक अलग फलक पर कविता अच्छी लगी..अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-62358194251177855622010-12-24T11:13:29.405+05:302010-12-24T11:13:29.405+05:30चेतनाशून्य मनोदशा की हर गहरी ख़ामोशी ने
मुझे केशव ...चेतनाशून्य मनोदशा की हर गहरी ख़ामोशी ने<br />मुझे केशव का विराट स्वरुप दिखाया<br />अहोभाग्य !<br />सत्य के आगे लड़खड़ाते मेरे क़दमों के आगे<br />कृष्ण ने हर बार मेरी ऊँगली थामी<br />और दुर्योधन से बचाया !!!<br />बहुत सुन्दर और प्रेरक रचना बधाई आपको।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-57400606030453493552010-12-24T11:11:59.843+05:302010-12-24T11:11:59.843+05:30सत्य के आगे लड़खड़ाते मेरे क़दमों के आगे
कृष्ण ने ...सत्य के आगे लड़खड़ाते मेरे क़दमों के आगे<br />कृष्ण ने हर बार मेरी ऊँगली थामी ....<br />।<br /><br /><br />बहुत खूब ...कहा है आपने इन पंक्तियों में <br />भावमय करते शब्द ...बधाई इस बेहतरीन अभिव्यक्ति के लिये ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.com