tag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post3912644858668067054..comments2023-12-02T15:15:35.792+05:30Comments on वटवृक्ष: तलाशरवीन्द्र प्रभातhttp://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-37519120419216165532010-11-15T19:10:46.493+05:302010-11-15T19:10:46.493+05:30शायद लीक से हटने के कारण आप ही रास्ता भटक गए .शायद लीक से हटने के कारण आप ही रास्ता भटक गए .Dr. Rajendrahttps://www.blogger.com/profile/03967677741398567658noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-34023215240612840112010-11-15T10:49:22.441+05:302010-11-15T10:49:22.441+05:30कविता के इस प्रयास के प्रकाशन और पाठकों द्वारा स्व...कविता के इस प्रयास के प्रकाशन और पाठकों द्वारा स्वीकार करने के लिए आभार.शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-49121824073161099402010-11-15T00:37:37.236+05:302010-11-15T00:37:37.236+05:30मैंने सिर्फ तुमको पुकारा है
सुन्दर है रश्मि जी.
@
...मैंने सिर्फ तुमको पुकारा है<br />सुन्दर है रश्मि जी.<br />@<br />हम दोनों में कोई तो भटका था<br />अपनी अपनी खोज में<br />लेकिन कौन?<br />कमाल है शाहिद जी, आप हिन्दी कविता भी इतनी अच्छी लिखते हैं? हम तो आपको बस शायर ही मानते थे, आपका तो कविता पर भी पूरा अधिकार है.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-54121042115706433622010-11-14T00:04:41.679+05:302010-11-14T00:04:41.679+05:30sunder bahaut achasunder bahaut achagyaneshwaari singhhttps://www.blogger.com/profile/16752930608738766658noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-44530439470319103832010-11-13T23:12:43.650+05:302010-11-13T23:12:43.650+05:30मेरी तलाश रात से दिन तक
आज भी जारी है
ढूंढती हूँ क...मेरी तलाश रात से दिन तक<br />आज भी जारी है<br />ढूंढती हूँ कुछ शायराना शब्द<br />जो सबसे अलग<br />सबसे जुदा<br />सिर्फ तुम्हारे लिए हो<br /><br />और<br /><br /><br />इस अभिव्यक्ति को<br />मैं<br />कुछ हटकर<br />नए शब्दों के साथ<br />प्रस्तुत करना चाहता था<br />इधर,<br />मैं उलझा रहा शब्दमाला में<br /><br />क्या बात है !<br />कवि मन एक ही तलाश में है ,सच है कि <br />भावनाओं की अभिव्यक्ति के लिये शायद सही और सच्चे शब्दों की खोज हमेशा ही जारी रहेगी<br />बहुत सुंदर कविताएं हैं दोनों ही <br />दोनों रचनाकारों को बधाई!इस्मत ज़ैदीhttps://www.blogger.com/profile/09223313612717175832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-52251245562591958832010-11-13T16:44:23.098+05:302010-11-13T16:44:23.098+05:30वाह ! कितना सुन्दर संयोजन .....
रश्मि जी आपकी और श...वाह ! कितना सुन्दर संयोजन .....<br />रश्मि जी आपकी और शाहिद जी आपकी ....आप दोनों की कविता एक दुसरे को कितनी खूबसूरती से कोम्लिमेंट कर रही है ....दोनों में गज़ब के भाव और भावों गज़ब की गहराई है .<br />इसी प्रस्तुति पाठक के लिए नायब तोहफे से कम नहीं :)<br />आप दोनों को बहुत बहुत बधाईरानीविशालhttps://www.blogger.com/profile/15749142711338297531noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-115875643739362572010-11-13T15:37:34.270+05:302010-11-13T15:37:34.270+05:30दीदी,
अब कौन सा उन्नीस है और कौन सा बीस ....
शाह...दीदी, <br />अब कौन सा उन्नीस है और कौन सा बीस ....<br />शाहिद जी और आपकी रचना दोनों एक से कमाल के हैं ...<br />इतने सुन्दर भाव कि प्रशंसा के लिए शब्द नहीं हैं ...Indranil Bhattacharjee ........."सैल"https://www.blogger.com/profile/01082708936301730526noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-68101468993006378372010-11-13T12:41:29.696+05:302010-11-13T12:41:29.696+05:30हम दोनों में कोई तो भटका था
अपनी अपनी खोज में
लेकि...हम दोनों में कोई तो भटका था<br />अपनी अपनी खोज में<br />लेकिन कौन?<br /><br />बस यही प्रश्न अनुत्तरित है…………बेहद उम्दा रचना।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-50974876816686749272010-11-13T12:13:23.923+05:302010-11-13T12:13:23.923+05:30तलाश में अटकते भटकते मन के कोमल अहसासों की, दिल को...तलाश में अटकते भटकते मन के कोमल अहसासों की, दिल को गहराई से छूने वाली खूबसूरत और संवेदनशील प्रस्तुति. आभार. <br />सादर,<br />डोरोथी.Dorothyhttps://www.blogger.com/profile/03405807532345500228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-15945267913092884782010-11-13T12:00:41.178+05:302010-11-13T12:00:41.178+05:30तुमने परम्पराओं के सांचे
बहुत तलाशे थे
हम दोनों मे...तुमने परम्पराओं के सांचे<br />बहुत तलाशे थे<br />हम दोनों में कोई तो भटका था<br /><br />बहुत खूबसूरती से बात कह दी है ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-78207254977869437152010-11-13T11:37:55.371+05:302010-11-13T11:37:55.371+05:30हम दोनों में कोई तो भटका था
अपनी अपनी खोज में
लेकि...हम दोनों में कोई तो भटका था<br />अपनी अपनी खोज में<br />लेकिन कौन?<br /><br />एक अनुत्तरित प्रश्न...<br />कोमल भावों की सुंदर अभिव्यक्ति।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-48725621211141185492010-11-13T11:10:33.581+05:302010-11-13T11:10:33.581+05:30kammal ka shabd sanyojan
utkrisht bhav rachna me
...kammal ka shabd sanyojan<br />utkrisht bhav rachna me <br /><br />badhai kabuleKhare Ahttps://www.blogger.com/profile/08834832296834095341noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-63804745117319488372010-11-13T11:07:32.677+05:302010-11-13T11:07:32.677+05:30वाह ... बहुत खूबसूरत भाव रचना का ....
मैं उलझा र...वाह ... बहुत खूबसूरत भाव रचना का .... <br /><br />मैं उलझा रहा शब्दमाला में<br />उधर<br />तुमने परम्पराओं के सांचे<br />बहुत तलाशे थे<br /><br />बहुत खूब ...Dr Xitija Singhhttps://www.blogger.com/profile/16354282922659420880noreply@blogger.com