tag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post2239024835853977830..comments2023-12-02T15:15:35.792+05:30Comments on वटवृक्ष: बादलों से उतरा एक नूर सा जोगीरवीन्द्र प्रभातhttp://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comBlogger24125tag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-39835011924043423302010-12-16T19:15:21.701+05:302010-12-16T19:15:21.701+05:30दोनो ही रचनाये बहुत अच्छी लगी । वट्व्रक्ष की छाव ह...दोनो ही रचनाये बहुत अच्छी लगी । वट्व्रक्ष की छाव हमेशा ही सुखदाई होती हैpalashhttps://www.blogger.com/profile/09020412180834601052noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-85912435340934721332010-12-16T15:57:38.667+05:302010-12-16T15:57:38.667+05:30dono rachnayein bahut gahri... sundar!dono rachnayein bahut gahri... sundar!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-28664018560160179872010-12-16T15:07:41.113+05:302010-12-16T15:07:41.113+05:30वाह दोनों ही रचनाएं भाव गाम्भीर्य और सौन्दर्य रस स...वाह दोनों ही रचनाएं भाव गाम्भीर्य और सौन्दर्य रस से भरपूर...<br /><br />मनमोहक सुन्दर रचनाओं के लिए बहुत बहुत आभार..रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-45652200438742436212010-12-16T12:57:09.285+05:302010-12-16T12:57:09.285+05:30बहुत खुब प्रस्तुति.........मेरा ब्लाग"काव्य क...बहुत खुब प्रस्तुति.........मेरा ब्लाग"काव्य कल्पना" at http://satyamshivam95.blogspot.com/ जिस पर हर गुरुवार को रचना प्रकाशित...आज की रचना "प्रभु तुमको तो आकर" साथ ही मेरी कविता हर सोमवार और शुक्रवार "हिन्दी साहित्य मंच" at www.hindisahityamanch.com पर प्रकाशित..........आप आये और मेरा मार्गदर्शन करे..धन्यवादEr. सत्यम शिवमhttps://www.blogger.com/profile/07411604332624090694noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-42795596458468673322010-12-16T12:55:55.078+05:302010-12-16T12:55:55.078+05:30बहुत खुब प्रस्तुति.........मेरा ब्लाग"काव्य क...बहुत खुब प्रस्तुति.........मेरा ब्लाग"काव्य कल्पना" at http://satyamshivam95.blogspot.com/ जिस पर हर गुरुवार को रचना प्रकाशित...आज की रचना "प्रभु तुमको तो आकर" साथ ही मेरी कविता हर सोमवार और शुक्रवार "हिन्दी साहित्य मंच" at www.hindisahityamanch.com पर प्रकाशित..........आप आये और मेरा मार्गदर्शन करे..धन्यवादEr. सत्यम शिवमhttps://www.blogger.com/profile/07411604332624090694noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-27324578288367834662010-12-16T12:12:00.378+05:302010-12-16T12:12:00.378+05:30dono kavitaye gahrayi tak dubo le gayi ek sath.dono kavitaye gahrayi tak dubo le gayi ek sath.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-39816822119640859432010-12-16T10:41:52.335+05:302010-12-16T10:41:52.335+05:30देखते-देखते वक़्त तो गुज़र जायेगा...
और जब डूबे......देखते-देखते वक़्त तो गुज़र जायेगा...<br />और जब डूबे...<br />तो दो नाम एक साथ होंगे....<br />--<br />बहुत सुन्दर।<br />--<br />मनविन्दर भिम्बर की रचना भी अच्छी है!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-41908465105387924092010-12-16T09:15:19.226+05:302010-12-16T09:15:19.226+05:30दोनों ही बेहद खूबसूरत रचनाएँ हैं... मैं अक्सर आपके...दोनों ही बेहद खूबसूरत रचनाएँ हैं... मैं अक्सर आपके ब्लॉग पर आता हूँ और सभी रचनाएँ पढता हूँ... समय की कमी के चलते टिपण्णी नहीं कर पाता, लेकिन अच्छी रचनाओं की चाह मुझे यहाँ बार-बार खींच लाती है... बहुत-बहुत धन्यवाद!<br /><br /><br /><a href="http://www.premras.com" rel="nofollow">प्रेमरस.कॉम</a>Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-12841505407833915872010-12-16T08:32:37.516+05:302010-12-16T08:32:37.516+05:30This comment has been removed by the author.Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-10857652873363731112010-12-16T01:33:43.098+05:302010-12-16T01:33:43.098+05:30कागज़ की नाव को तो डूबना ही है...
पर जब तक न डूबे....कागज़ की नाव को तो डूबना ही है...<br />पर जब तक न डूबे...<br />देखते-देखते वक़्त तो गुज़र जायेगा...<br />और जब डूबे...<br />तो दो नाम एक साथ होंगे....<br /><br /><br /><br />साथ में मनविंदर जी की रचना भी अच्छी लगी.वन्दना महतो ! (Bandana Mahto)https://www.blogger.com/profile/16009745507164533185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-30633042235416038112010-12-15T23:27:17.992+05:302010-12-15T23:27:17.992+05:30do itni achchi kavita ek saath padhkar man bahut k...do itni achchi kavita ek saath padhkar man bahut khush hua.mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-30696133198295956982010-12-15T19:41:53.857+05:302010-12-15T19:41:53.857+05:30कागज़ की नाव को तो डूबना ही है...
पर जब तक न डूबे.....कागज़ की नाव को तो डूबना ही है...<br />पर जब तक न डूबे...<br />देखते-देखते वक़्त तो गुज़र जायेगा...<br />और जब डूबे...<br />तो दो नाम एक साथ होंगे....<br />beautiful.....S.VIKRAMhttps://www.blogger.com/profile/17252464333035334396noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-65929661949397314162010-12-15T17:24:52.713+05:302010-12-15T17:24:52.713+05:30दोनों ही गज़ब!! वाह!दोनों ही गज़ब!! वाह!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-17769980944431807112010-12-15T17:06:52.462+05:302010-12-15T17:06:52.462+05:30मनविन्दरजी की रचना पढ़ी.ओह! क्या ये वो ही जोगी था ज...मनविन्दरजी की रचना पढ़ी.ओह! क्या ये वो ही जोगी था जो मुझे एक कटोरा पकड़ा गया.देखा उसमे प्यार था.मेरा नही था उसमे कुछ भी.किसी और की अमानत थी इसलिए बांटती जा रही हूँ.'वो' तो आया नही न अपनी अमानत लेने.<br />..........जोगी को पाया तो ढूँढने मनविन्दरजी के ब्लॉग तक जा आई और कवि शिव और लूना मिल गए मुझे आंसू बन कर ठहर गए दोनों मेरी आँखों मे. लूना का दर्द जैसे उसका अपना नही था.आप को समय मिले तो 'लूना' से मिलना मनविन्दरजी के ब्लॉग पर.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-40263662065070592010-12-15T14:57:13.025+05:302010-12-15T14:57:13.025+05:30behatreen.....rashmi di aajkal dhundh kar apne gam...behatreen.....rashmi di aajkal dhundh kar apne gamle me fool lagati hai:)मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-43283893829859766872010-12-15T12:39:59.160+05:302010-12-15T12:39:59.160+05:30वाह बेहद खुबसुरत। ऐसी रचनाओं को पढ़कर एक अजीब सी स...वाह बेहद खुबसुरत। ऐसी रचनाओं को पढ़कर एक अजीब सी संतुष्टी मिलती है। आभार।Amit Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01787361968548267283noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-2485415881382399072010-12-15T12:36:06.765+05:302010-12-15T12:36:06.765+05:30क्या खूब भावो की माला बनाई है……………अति सुन्दर्।क्या खूब भावो की माला बनाई है……………अति सुन्दर्।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-16393839340442264972010-12-15T12:08:05.580+05:302010-12-15T12:08:05.580+05:30"यही तो मैं चाहता था
इनकी कविता बने
नज्म बने
..."यही तो मैं चाहता था<br />इनकी कविता बने<br />नज्म बने<br />और बिखर जाएं <br />सारी कायनात में"<br /><br />दीदी,सादर प्रणाम .<br />मनविंदर जी की भावमयी रचना पढ़ने का अवसर उपलब्ध कराने के लिए आभार. ईश्वर यही तो चाहता है की शब्दों की माला बने और उनमें संगीतमय भाव भरे जाएं.अत्यंत सुंदर रचना.<br />मनविंदर जी अच्छी रचना के लिए धन्यवाद.आशा है यह आगे भी ऐसा ही बहुत कुछ पढ़ने को मिलेगा.Rajivhttps://www.blogger.com/profile/05867052446850053694noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-45824739970419409052010-12-15T12:00:27.310+05:302010-12-15T12:00:27.310+05:30पर जब तक न डूबे...
देखते-देखते वक़्त तो गुज़र जाये...पर जब तक न डूबे...<br />देखते-देखते वक़्त तो गुज़र जायेगा...<br />और जब डूबे...<br />तो दो नाम एक साथ होंगे....<br /><br />बहुत प्यारे भाव ..डूबने पर भी साथ रहने का एहसास .....सुन्दर अभिव्यक्ति <br /><br /><br />अब कभी कभी पल्ला हटा कर<br />माला के अक्षरों को कागज पर रखती हूं<br />कभी उनकी कविता बनती है<br />तो कभी नज्म<br /><br />बहुत खूबसूरती से कह दिया नज़्म , कविता बनने की बात ....सुन्दर रचनासंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-8917285373368226372010-12-15T11:41:08.447+05:302010-12-15T11:41:08.447+05:30यही तो मैं चाहता था
इनकी कविता बने
नज्म बने
और बिख...यही तो मैं चाहता था<br />इनकी कविता बने<br />नज्म बने<br />और बिखर जाएं सारी कायनात में<br />गहरे भाव ,गहरी सोच । बहुत दिन बाद पढा है मनविन्द्र जी को। बहुत उमदा लिखती हैं पता नही मै ही नही देख पाई या वही कम सक्रिय्रही हैं। देखती होऔँ आज उनका ब्लाग। अच्छा लगा। धन्यवाद।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-45374533686560380332010-12-15T11:40:50.668+05:302010-12-15T11:40:50.668+05:30यही तो मैं चाहता था
इनकी कविता बने
नज्म बने
और बिख...यही तो मैं चाहता था<br />इनकी कविता बने<br />नज्म बने<br />और बिखर जाएं सारी कायनात में<br />गहरे भाव ,गहरी सोच । बहुत दिन बाद पढा है मनविन्द्र जी को। बहुत उमदा लिखती हैं पता नही मै ही नही देख पाई या वही कम सक्रिय्रही हैं। देखती होऔँ आज उनका ब्लाग। अच्छा लगा। धन्यवाद।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-52900515615226423372010-12-15T11:40:27.334+05:302010-12-15T11:40:27.334+05:30दोनों ही रचनाएं काफी गहन और खूबसूरत लगीं.. आप दोनो...दोनों ही रचनाएं काफी गहन और खूबसूरत लगीं.. आप दोनों को बहुत-बहुत बधाई..<br /><br /><a href="http://bitspratik.blogspot.com/2010/12/blog-post.html" rel="nofollow">रजनी चालीसा</a> का जप करने ज़रूर पधारें ब्लॉग पर :)<br /><br />आभारPratik Maheshwarihttps://www.blogger.com/profile/04115463364309124608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-29559256601144054992010-12-15T11:16:38.848+05:302010-12-15T11:16:38.848+05:30वाह दीदी, दोनों रचना बेहतरीन है ...
मनविंदर जी बहु...वाह दीदी, दोनों रचना बेहतरीन है ...<br />मनविंदर जी बहुत अच्छी लिखती है ...<br /><br />और साथ में purple sunbird की तस्वीर भी बढ़िया है ... ये पक्षी भी तो फूलों से रस पीती है ... जैसे कि मैं काव्य रस पी रहा हूँ आपके ब्लॉग से ...:)Indranil Bhattacharjee ........."सैल"https://www.blogger.com/profile/01082708936301730526noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-48701672425073889922010-12-15T11:15:40.551+05:302010-12-15T11:15:40.551+05:30पार जाना है...तुम्हे भी, मुझे भी...
नाव तुम्हारे प...पार जाना है...तुम्हे भी, मुझे भी...<br />नाव तुम्हारे पास भी नहीं,<br />नाव मेरे पास भी नहीं...<br />गहन भावों के साथ बेहतरीन शब्दों का संगम ...<br /><br /><br />यही तो मैं चाहता था<br />इनकी कविता बने<br />नज्म बने<br />और बिखर जाएं सारी कायनात में<br />बहुत ही अच्छी रचना भावमय करते शब्द ...सुन्दर लेखन के लिये बधाई ....।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.com