मै किससे प्यार करूँ  ? मै किससे प्यार करूँ ?

मै किससे प्यार करू हे ईश्वर नफरत किसको दूँ ? सब प्यार मे घोले विष बैठे मै विष मे नेह घोलूं !! पलकों पे जिसको भी रक्खो , वो चेहरे पे...

Read more »
12:10 PM

मेरी कामना मेरी कामना

आँखों में सपने लिए दिल के अरमानों से कुछ लफ़्ज़ों को कागज पर उतार दिया पर सम्पादक महोदय ने इन्कार कर मुझको फटकार दिया इसलिए मैं च...

Read more »
10:26 AM

और खाने की गुंजाइश नहीं रही और खाने की गुंजाइश नहीं रही

लघु कथा  " भाई , कभी हमारी घर भी आओ न ? " आनंद ने कहा . " कहो , कब आऊँ ? पुरुषोत्तम ने पूछा .  " कल ही आ जाओ ...

Read more »
10:39 AM

बेटियों को नीलामी पर चढाने को अभिशप्त है यह मां बेटियों को नीलामी पर चढाने को अभिशप्त है यह मां

वह लड़कियां बेचने-ख़रीदने का काम नहीं करती. वह तो बस मां है आदि से अंत तक मां बस एक मां ! खुले बाज़ार में अपनी चार-चार बेटियों को ...

Read more »
10:01 AM

बेहतर कौन ? बेहतर कौन ?

एक शीर्षक : कविता दो : बेहतर कौन ? पहली कविता ओह ! ना जाने कितने अर्थ समेट लेता है खुद मे कभी दुख क्षोभ को तो कभी आश्चर्य को व्...

Read more »
10:25 AM

सावन में.... सावन में....

सपनों में ही पेंग बढ़ाते, झूला झूलें सावन में। मेघ-मल्हारों के गानें भी, हमने भूलें सावन में।। मँहगाई की मार पड़ी है, घी और तेल हुए ...

Read more »
10:53 AM

प्यार प्यार

प्यारी   -   सी   कोई सुखद   अनुभूति कल   तक   अनजानी   - सी आज   पहचानी   - सी उषा   की   कोई   किरण आशा   की   लहर   बनकर ...

Read more »
10:45 AM

आ गयी बदरिया आ गयी बदरिया

  किरणों ने अवशोषण कर नीर समुद्र का सजाया है श्वेत - श्याम श्रृंगार नभ का विरह अगन धधकाने आ गयी बदरिया दूत बन जाओ मेघ बड़ी लम्बी है डगरिया ...

Read more »
10:17 AM

मैँ मैँ

मैँ पौधे का वह फूल हूँ जिसे आजतक किसी ने भी सहजने की कोशिश नहीँ की है मैँ किताब की वह पंक्ति हूँ जिसे आजतक किसी ने भी पढ़ने की कोशिश नहीँ क...

Read more »
10:52 AM

भावनाओं का अंतर्द्वंद्व... भावनाओं का अंतर्द्वंद्व...

                                                                             यूँ तो यह विषय अब बहुत पुराना हो चुका है और बहुत लोग इस बार...

Read more »
12:19 PM

'बेबसी' मुस्कुराती है 'बेबसी' मुस्कुराती है

चिथरों में लिपटी  दिखती है हर रोज 'वो'  कि भीगोती है सर्द हवाएँ  हर रात उसे नयन कोर पर   'बेबसी' मुस्कुर...

Read more »
10:58 AM

ऐसा सावन पहले कभी नहीं आया... ऐसा सावन पहले कभी नहीं आया...

(राजा  रवि वर्मा की पेंटिंग मोहिनी झूला झूलते हुए ) सुबह-सुबह दरवाजे पर दस्तक हुई. उनींदी आखों से दरवाजा खोला तो ...

Read more »
10:49 AM

झूम झूम झर झर कर सावनी फुहार... झूम झूम झर झर कर सावनी फुहार...

झूम झूम झर झर कर सावनी फुहार बरखा की बूँद बूँद बादली बहार तन मन हिल्लोर मार गाये मल्हार विरही मन नीर बहे पंचमी पुकार झूम झूम झर झर कर...

Read more »
12:22 PM

दूसरे की ज़मीन तहस-नहस करने की होड़ वेब मीडिया के लिए खतरनाक दूसरे की ज़मीन तहस-नहस करने की होड़ वेब मीडिया के लिए खतरनाक

वेब मीडिया यानि वह सूचना मंच , जहां हर विषय को हम आनन् फानन में पा सकते हैं , कहीं भी , किसी भी वक़्त , किसी भी रूप में पहुंचा   सकते...

Read more »
11:53 AM
 
Top