"पत्थर" "पत्थर"

चोट लगी तो जाना खुदा पत्थर क्यूँ हुआ ... ताउम्र वो पत्थरों को इन्सान बनाने में लगा रहा ... रश्मि प्रभा ===========================...

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11:20 AM

अन्धविश्वास अन्धविश्वास

भरोसा खुद पे हो तो बात बनती है तबीयत से कोई और पत्थर क्यूँ उछाले पहल खुद से हो तो ही अँधेरे से एक लकीर किरण की आती है ... रश्मि प्रभा ======...

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11:22 AM

दहेज़ दहेज़

समय के बढ़ते कदम पिछले निशान का अर्थ बताते हैं ... रश्मि प्रभा ============================================================= दहेज़ र...

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10:29 AM

पहाड़ों की .. रानी पहाड़ों की .. रानी

मैं ख्यालों की एक बूंद सूरज की बाहों में कैद आकाश तक जाती हूँ बादलों के सीने में छुपकर धरती की रगों तक बहती हूँ कभी फूल, कभी वृक्ष में सौन...

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12:11 PM

प्यार के पोपकोर्न प्यार के पोपकोर्न

प्यार के पोपकोर्न... बिल्कुल शुद्ध कोई मिलावट नहीं - मस्त , कुरकुरे पालने में झूलती लड़ियों जैसे रश्मि प्रभा =========================...

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9:36 AM

मनाते खुशियाँ रहो तुम जियो जब तक मनाते खुशियाँ रहो तुम जियो जब तक

दर्द का क्या भरोसा,आ जाय जब तब मनाते खुशियाँ रहो तुम जियो जब तक है बड़ी अनबूझ ये जीवन पहेली है कभी दुश्मन कभी सच्ची सहेली बांटती खुशिया...

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10:31 AM

एहसास एहसास

मैंने- पहले भी तो बांटी थी तुम्हारे अकेलेपन की शाम जेठ की तपती धुप और गर्म सांसें तुम्हारे सुख के लिए .. मगर- तुम्हारी नर्म उंगलिय...

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10:55 AM

अक्ल बड़ी या भैंस-एक कटाक्ष अक्ल बड़ी या भैंस-एक कटाक्ष

दुनिया कहाँ से कहाँ आ गई अक्ल के मारे सब ....... भैंस की तरह एक प्रश्न ... पागुर किये जा रहे रश्मि प्रभा =============================...

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11:16 AM

इसी में खुश रहती हूँ इसी में खुश रहती हूँ

कुछ एहसास खरीदे नहीं जा सकते उनको जीने के लिए एहसास होने चाहिए ... रश्मि प्रभा ============================================...

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10:48 AM

नीड़ का निर्माण आधा नीड़ का निर्माण आधा

बया ने भी ले लिया प्रण करेगा नीड़ का निर्माण खुद देखेगा - राधा बया कब तक रूकती है ....! ओह - रश्मि प्रभा ===================================...

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12:57 PM

बचपन की याद बचपन की याद

बचपन ... सोचते ही चकोर की तरह सर पीछे अटक जाता है दिन दुनिया से बेखबर तितलियों सा मन काबुलीवाले की मिन्नी बन जाता है फ्रॉक में ढेर सारा प...

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11:00 AM

कुछ तो लगता है कुछ तो लगता है

ख़ुशी में भय और झूठ में ख़ुशी ... इस बदली हवा ने सारे मायने बदल दिए हैं सब उल्टा पुल्टा ही अच्छा लगता है !!! रश्मि प्रभा ==========...

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10:27 AM

मिट्टी और माँ मिट्टी और माँ

मिट्टी में खेलकर माँ के आँचल में छुपकर ज़िन्दगी कितने सारे मायने दे जाती है... रश्मि प्रभा =====================...

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11:11 AM

परिवर्तन परिवर्तन

परिवर्तन की हवा तो हर वक़्त चलती है उपदेश देने से परे हम अपने में सुधार लायें तो सवेरा अपना होगा आगत सुनहरा होगा .... रश्मि प्रभा ======...

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11:00 AM

कुफ्र कुफ्र

प्रेम , आस्था - दोनों का संबंध आत्मा से है आत्मा पर हुकूमत नहीं चलती जब हुकूमत हो तो फिर आत्मा कहाँ प्रेम और आस्था कहाँ ......... रश्मि ...

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10:43 AM

पंछियों ने इन्हें छुआ भी नहीं.... पंछियों ने इन्हें छुआ भी नहीं....

दिन किस कदर बदल गए तेरी खुशबू के बगैर पंछी भी उदास हो गए ... रश्मि प्रभा ==============================================================...

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10:42 AM

छूटना... छूटना...

किस मंजिल तक पहुंचना है सब तो छूट जाना है .... तेजी से छूटते रास्ते हँसते हैं रास्तों के संग मैं भी हँस लेती हूँ ..... र...

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11:26 AM
 
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