कही छूट जाना एक 'चकरी ' का कही छूट जाना एक 'चकरी ' का

जाने कितना कुछ छूटता जा रहा है अंत में रह क्या जायेगा ... रश्मि प्रभा =================================================...

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11:00 AM

एक बूँद ओस की...... एक बूँद ओस की......

बूंद ओस की हो या नमी हो मिट्टी की आँखें अपनी मनःस्थिति जीती हैं .... रश्मि प्रभा ==================================================...

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11:00 AM

मीर की गज़ल सा...... मीर की गज़ल सा......

कभी मैं ग़ज़ल कभी तुम ग़ज़ल उम्र का यही इक सफ़र फिर भी ... अजनबी से तुम अजनबी से हम आओ कुछ यादें पिरो लें .... रश्मि प्रभा ========...

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12:08 PM

" उर्जामय जिन्दगी " " उर्जामय जिन्दगी "

ब्लॉग की दुनिया में चलते चलते कई नाम कई चेहरे अपने हो गए हैं .... नए क़दमों का आना भी जारी है . कम उम्र के नए कदम तो बहुत कुछ जानते हैं , पर...

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10:05 AM

कशमकश .... कशमकश ....

न ये सही न वो सही असमंजस में है ज़िन्दगी ... रश्मि प्रभा ============================================================== कशमकश .... ...

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10:23 AM

दीवाली सच में! दीवाली सच में!

BMW / Diamond Ring इसे पाना आसान है माँ मुझे वही देना जो मैंने माँगा है.... रश्मि प्रभा ============================...

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10:37 AM

प्रतिच्छाया प्रतिच्छाया

सच और झूठ के बीच भ्रमित मन यथार्थ के स्वाद से दूर होता है ... रश्मि प्रभा ===========================================================...

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10:27 AM

संदूक संदूक

एक संदूक .... कितने सारे रिश्ते कितनी खिलखिलाहट कितनी चाहतें ........ माँ ने कितने ख्वाब संजोकर दिए थे पता था उसे ... यह बड़े काम की चीज ...

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10:32 AM

कुदाल से त्योरियां ~~ कुदाल से त्योरियां ~~

हल तुम चलाते हो पसीने की ईमानदार उम्मीदों से ख्वाब तुम देखते हो तो अपने लहलहाते फसल का मान रखो अपने हक़ की लकीर गहरी खींचो..... रश्मि ...

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11:00 AM

ज़ख्म ज़ख्म

बन्द हैं चौखट के उस पार अतीत की कोठरी में पलों के रत्न जड़ित आभूषण एक दबी सी आहट सुनाती एक दीर्घ गूंज समय चलता अपनी उलटी चाल घिरता ...

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10:36 AM

रहना चाहता हूँ दूर ...... रहना चाहता हूँ दूर ......

सिर्फ स्वप्न हैं अनगिनत आशाओं का एक अजब सा माया जाल है हर तरफ भागमभाग है- आगे बढने की कभी खुद की इच्छा से खुद के बल से और कभी ...

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11:40 AM

हे अग्नि देवता! हे अग्नि देवता!

हे अग्नि देवता! शारीर के पंचतत्वों  में, तुम विराजमान हो, तुम्ही से जीवन है तुम्हारी ही उर्जा से, पकता और पचता भोजन है तुम्हारा स्पर्...

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11:30 AM

दूरी कब? दूरी कैसी?दूरी कहाँ? दूरी कब? दूरी कैसी?दूरी कहाँ?

हमारे लिए कोई और कैसे कुछ कह सकता है ना सुनते हुए भी हमने सुना है एक दूजे को उस आवाज़ की पहचान कोई और कैसे कर सकता है दो प्यार करनेवालों ...

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10:46 AM
 
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