मेरा दिल करता है
तुम्हें अमलतास का पेड़ बना लूँ
किसी गांव की अल्हड़ बाला सी
तुमको पकड़कर घूमती जाऊँ घूमती जाऊँ
जब तक तुम्हारी शाखाएंमुझे थाम न लें ...
रश्मि प्रभा





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रामपती
मेरा ब्लॉग. http://www.merebhav.blogspot.com/
परिचय : अपने बारे में कहने को कुछ खास नहीं है. दिल्ली में जन्मी, पली बढ़ी, और भारत सरकार की सेवा कर रही हूँ... पढना अच्छा लगता था सो वही से लिखना भी अच्छा लगने लगा.. यदि मन के भावों को , जज्बातों को शब्द देना कविता है, साहित्य है .. तो कविता लिख रही हूँ, साहित्य सृजन कर रही हूं.






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!! लम्हों को दोहरा लेना !!


मखमली प्रीत का था अंजन
या प्रेमपाश था प्रियतम का
प्रेमपगा स्पर्श पौरुष बंधन
या झोंका तपती सांसों का .

देख संदेशा वो इतराए
आतुर से मुझे लेने आये
बिठलाकर पहलू में अपने
दोनों स्वपन सैर कर आये .

फूलों से यह फूल झड रहे
फूल तुम्हें एक लाकर दूं
नहीं मिला माली कोई
कि खुशबू का सजदा कर दूं .

हाथों में लेकर हाथ
साथ मैं हूँ, दिया एहसास
छूकर उनको प्रिय अधरों से
भर दिया पूर्ण विश्वास .

सपनों के हैं पंख बहुतेरे
गति तीव्र है उड़ने क़ी
असीमित इच्छाओं के चितेरे
आस, आकाशकुसुम पा लेने क़ी .

पढने क़ी साध जैसे पोथी
पर हर पन्ना नहीं बांचने को
कुछ उजले कुछ राख हुए
उत्सुक न हो खोलने को .

उन्मुक्त हंसी है लोकलुभावन
अपने पीछे कुछ दर्द लिए
ऊपर से शांत समंदर
तलहट में उथल पुथल लिए .

वो होंगे जिसके आसपास
परिवेश महक वह जाएगा
प्रणय निवेदन हो जिससे
सुगंध पहचान बन जाएगा .

दो पल दो क्षण का साथ
सुंदर याद बन जाएगा
स्मृति झरोखे से देखें
अनमोल धरोहर बन जाएगा .

ठहरो दूर छावं में जब
थोडा सा सुस्ता लेना
कुछ रूककर बंद नयन
इन लम्हों को दोहरा लेना .
........ रामपती

11 comments:

  1. ठहरो दूर छावं में जब
    थोडा सा सुस्ता लेना
    कुछ रूककर बंद नयन
    इन लम्हों को दोहरा लेना .
    बहुत सुन्दर और भावभीनी प्रस्तुति।

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  2. रामपती जी की कवितायें मैं नियमित पढता हूँ उनके ब्लॉग पर और उनकी कविता का स्वर बिल्कुल अलग ही होता है.. इसी क्रम में यह कविता भी है... अति सुंदर

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  3. बहुत ही संवेदनाओं से परिपूर्ण अभिव्यक्ति....बहुत सुन्दर...आभार..

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  4. बहुत ही संवेदनाओं से परिपूर्ण अभिव्यक्ति....बहुत सुन्दर...आभार..

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  5. फूलों से यह फूल झड रहे
    फूल तुम्हें एक लाकर दूं
    नहीं मिला माली कोई
    कि खुशबू का सजदा कर दूं

    Very nice, bhaut khub likha hai

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  6. ठहरो दूर छावं में जब
    थोडा सा सुस्ता लेना
    कुछ रूककर बंद नयन
    इन लम्हों को दोहरा लेना
    बेहद खूबसूरत भाव ....

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  7. संवेदनाओं से परिपूर्ण अभिव्यक्ति....खूबसूरत भाव !

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  8. अच्छी लगी ये अभिव्यक्ति...आभार !

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  9. ..सुन्दर अभिव्यक्ति
    नवरात्र के बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ

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