ज़िन्दगी कहाँ से शुरू होती है , उस रुदन से, जब माँ के गर्भनाल से अलग होता है बच्चा , या वहाँ से जब माँ के अन्दर एक धड़कन कैद रहती है या वहाँ से जब पहली बार चोट का एहसास होता है या वहाँ से जब स्लेट पर अक्षर अक्षर शब्द उभरते हैं या वहाँ से जब बुद्ध के महाभिनिष्क्रमण
का ज्ञान मिलता है, या वहाँ से ......... कहाँ से ?
जहाँ से शुरू हो ज़िन्दगी , प्यार सत्य है - हर रिश्तों का ! दरअसल रिश्तों का कोई नाम नहीं होता सिवाए 'प्यार' के















!!प्यार !!


ज़िन्दगी कहती है एक बात
कभी तुमसे
कभी हमसे
प्यार से बढ़के कुछ भी नहीं है ...
ज़िन्दगी कहती है एक बात


जब नहीं होता कोई साथ
चलता है बनके एक विश्वास
कभी रब लगता है
हाँ वो रब लगता है
ज़िन्दगी कहती है एक.....


टूट जाते हैं जब सपने
रूठ जाते जब सब अपने
वो सपना बनता है
हकीकत लगता है
ज़िन्दगी कहती है....


जब नहीं होती है ज़मीं
ना दिखता है कोई आकाश
वो धरती बनता है
आसमाँ बनता है
ज़िन्दगी कहती है एक बात ..............


प्यार आँखों से बहता है
प्यार साँसों में पलता है
गीत बन जाता है
दूर तक जाता है
ज़िन्दगी कहती है एक बात .



रश्मि प्रभा

13 comments:

  1. "प्यार आँखों से बहता है
    प्यार साँसों में पलता है
    गीत बन जाता है
    दूर तक जाता है
    ज़िन्दगी कहती है एक बात ."

    बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति

    ReplyDelete
  2. बहुत सुन्दर ....ज़िंदगी यही कहती है कि न जाने कब और कैसे रिश्ते बन जाते हैं ...

    ReplyDelete
  3. जब नहीं होता कोई साथ, चलता है बनके एक विश्वास, कभी रब लगता है...हाँ वो रब लगता है ...
    तभी तो कहती हु तुझ में रब दिखता है ...Ilu

    ReplyDelete
  4. ज़िन्दगी एक अबूझ पहेली है और हमेशा ही रहती है मगर प्यार का महासागर इसका रास्ता सरल कर देता है.
    एक सुन्दर प्रस्तुति।

    ReplyDelete
  5. pyar wo hai, jise jaise chaho anubhav karo......:)

    infact krodh me bhi pyar hota hai...:)

    Di kee sadhe hue sabdo me ek saandaar rachna..!!

    ReplyDelete
  6. जब नहीं होती है ज़मीं
    ना दिखता है कोई आकाश
    वो धरती बनता है
    आसमाँ बनता है
    ज़िन्दगी कहती है एक बात

    इस पर मैं यही कहूंगी क्या बात है?

    ReplyDelete
  7. बहुत सुन्दर और सारगर्भित है यह कविता !

    ReplyDelete
  8. प्यार अथवा प्रेम के सन्दर्भ में आपकी भावपूर्ण प्रस्तुति मन को झंकृत कर गया और जेहन में समा गयी ये चार पंक्तियाँ , कि-
    ज़िन्दगी कहती है एक बात
    कभी तुमसे
    कभी हमसे
    प्यार से बढ़के कुछ भी नहीं है ...
    ज़िन्दगी कहती है एक बात

    ReplyDelete
  9. Very sensitive poem describing LOVE,really appealing and emotional.You deserve praise.
    with best wishes,
    dr.bhoopendra
    jeevansandarbh.blogspot.com

    ReplyDelete
  10. gar marm ham jeevan ka jaan len,
    phir ham kyon kisi ki jaan len,
    pyaar se hi panapata hai pyaar hee,
    gar isa hakeekat ko ham maan len.


    kuchh pal isa vatvriksha ke tale ham bhi gujarenge. isa shuruaat ke liye badhai.

    ReplyDelete
  11. लो मेरी अभिव्यक्ति,मेरी प्रतिक्रिया आपके ब्लोग को पसंद ही नही आई शायद,पोस्ट होने से पहले अदृश्य हो गई.
    हा हा हा

    ReplyDelete

 
Top